Rahul Pandit Ji
Thursday, 19 November 2015
Monday, 27 April 2015
Sunday, 26 April 2015
Tuesday, 21 April 2015
Friday, 3 April 2015
Monday, 9 March 2015
Auli Tour Piks
Auli is an important ski destination in the Himalayan mountains of Uttarakhand, India. Auli, also known as a 'bugyal' or Auli Bugyal, in the regional language, which means meadow, is located at an elevation of 2500 to 3050 meters above sea level.[1] Auli is less known ski destination than Shimla, Gulmarg or Manali.
More Information about auli visit at http://en.wikipedia.org/wiki/Auli
Thursday, 27 November 2014
I miss my golden day's
Arz kiya h..
Ek hi color ka dress pehen kar hum lagte they kitne
achay,
School lagta tha poultry farm aur hum sab murghi k
bachay,..
.
.
Mujhko samaj na aya aj tak teacher ka ye funda,
Hume bana deti thi murgha or khud copy pe deti thi
anda..
.
.
Jab bachpan tha ,
to jawani ek dream tha.
Jab jawan huye ,
to bachpan ek jamaana tha..
.
.
jab ghar me rehte the,
aazadi achi lagti thi..
aaj aazadi he ,fir bhi
ghar jaane ki jaldi rahti hai,..
School me jinke saath
zagadte the ,
aaj unko hi Internet pe
talashte hai..
khushi kisme hoti hai,
ye pata ab chala hai...
bachpan kya tha,
iska ehsas ab hua hai..
kash badal sakte hum
zindgi k kuch saal ..
kash ji sakte hum,
zindgi fir se ek baar.....
I miss my golden day's
Ek hi color ka dress pehen kar hum lagte they kitne
achay,
School lagta tha poultry farm aur hum sab murghi k
bachay,..
.
.
Mujhko samaj na aya aj tak teacher ka ye funda,
Hume bana deti thi murgha or khud copy pe deti thi
anda..
.
.
Jab bachpan tha ,
to jawani ek dream tha.
Jab jawan huye ,
to bachpan ek jamaana tha..
.
.
jab ghar me rehte the,
aazadi achi lagti thi..
aaj aazadi he ,fir bhi
ghar jaane ki jaldi rahti hai,..
School me jinke saath
zagadte the ,
aaj unko hi Internet pe
talashte hai..
khushi kisme hoti hai,
ye pata ab chala hai...
bachpan kya tha,
iska ehsas ab hua hai..
kash badal sakte hum
zindgi k kuch saal ..
kash ji sakte hum,
zindgi fir se ek baar.....
I miss my golden day's
Sunday, 26 October 2014
Friday, 19 September 2014
You Can be Successful Person
अमेरिका की बात हैं. एक युवक को व्यापार में बहुत नुकसान
उठाना पड़ा.
उसपर बहुत कर्ज चढ़ गया, तमाम जमीन जायदाद
गिरवी रखना पड़ी . दोस्तों ने भी मुंह फेर लिया,
जाहिर हैं वह बहुत हताश था. कही से कोई राह नहीं सूझ
आशा की कोई किरण दिखाई न देती थी.
एक दिन वह एक park में बैठा अपनी परिस्थितियो पर
चिंता कर रहा था.
तभी एक बुजुर्ग वहां पहुंचे. कपड़ो से और चेहरे से वे
काफी अमीर
लग रहे थे.
बुजुर्ग ने चिंता का कारण पूछा तो उसने
बुजुर्ग ने चिंता का कारण पूछा तो उसने
अपनी सारी कहानी बता दी.
बुजुर्ग बोले -” चिंता मत करो. मेरा नाम John D.
Rockefeller
है.
मैं तुम्हे नहीं जानता,पर तुम मुझे सच्चे और ईमानदार लग रहे
हो.
इसलिए मैं तुम्हे दस लाख डॉलर का कर्ज देने को तैयार हूँ.”
फिर जेब से checkbook निकाल कर उन्होंने रकम दर्ज
की और
उस व्यक्ति को देते हुए बोले, “नौजवान, आज से ठीक एक
साल
बाद हम ठीक इसी जगह मिलेंगे. तब तुम मेरा कर्ज
चुका देना.”
इतना कहकर वो चले गए.
युवक shocked था. Rockefeller
तब america के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक थे.
युवक को तो भरोसा ही नहीं हो रहा था की उसकी लगभग
सारी मुश्किल हल हो गयी.
उसके पैरो को पंख लग गये.
घर पहुंचकर वह अपने कर्जो का हिसाब लगाने लगा.
बीसवी सदी की शुरुआत में 10 लाख डॉलर बहुत
बड़ी धनराशि होती थी और आज भी है.
अचानक उसके मन में ख्याल आया. उसने सोचा एक
अपरिचित
व्यक्ति ने मुझपे भरोसा किया,
पर मैं खुद पर भरोसा नहीं कर रहा हूँ.
यह ख्याल आते ही उसने चेक को संभाल कर रख लिया.
उसने निश्चय कर लिया की पहले वह अपनी तरफ से
पूरी कोशिश करेगा,
पूरी मेहनत करेगा की इस मुश्किल से
निकल जाए. उसके बाद भी अगर कोई चारा न बचे
तो वो check use करेगा.
उस दिन के बाद युवक ने खुद को झोंक दिया.
बस एक ही धुन थी,
किसी तरह सारे कर्ज चुकाकर अपनी प्रतिष्ठा को फिर से
पाना हैं.
उसकी कोशिशे रंग लाने लगी. कारोबार उबरने लगा, कर्ज
चुकने लगा. साल भर बाद तो वो पहले से
भी अच्छी स्तिथि में
था.
निर्धारित दिन ठीक समय वह बगीचे में पहुँच गया.
वह चेक लेकर Rockefeller की राह देख रहा था
की वे दूर से आते दिखे.
जब वे पास पहुंचे तो युवक ने बड़ी श्रद्धा से
उनका अभिवादन
किया.
उनकी ओर चेक बढाकर उसने कुछ कहने के लिए मुंह खोल
ही था की एक नर्स भागते हुए आई
और
झपट्टा मरकर वृद्ध को पकड़ लिया.
युवक हैरान रह गया.
नर्स बोली, “यह पागल बार बार पागलखाने से भाग जाता हैं
और
लोगो को जॉन डी . Rockefeller के रूप में check
बाँटता फिरता हैं. ”
अब वह युवक पहले से भी ज्यादा हैरान रह गया.
जिस check के बल पर उसने अपना पूरा डूबता कारोबार
फिर
से खड़ा किया,वह
फर्जी था.
पर यह बात जरुर साबित हुई की वास्तविक जीत हमारे
इरादे ,
हौंसले और प्रयास में ही होती हैं.
हम सभी यदि खुद पर विश्वास रखे तो यक़ीनन
किसी भी असुविधा से, situation से निपट सकते है.
" हमेशा हँसते रहिये,
एक दिन ज़िंदगी भी
आपको परेशान
करते करते थक जाएगी ।"
Thursday, 13 February 2014
Thursday, 6 February 2014
Saturday, 1 February 2014
My Story when am I Study
11th क्लास की बात
है.साइकिल से स्कूल
जा रहा था.रस्ते में
वो भी मिल गयी.
स्कूल पहुचने से कुछ पहले
ही किसी वजह से मुझे
रुकना पड़ा.वो बिलकुल मेरे
पीछे ही आ रही थी.
मैंने अचानक ब्रेक
लगा दिया और
उसकी साइकिल
मेरी साइकिल से
टकरा गयी.
उसके मुह में
जो भी आया बोलती चली गयी और
आखिर में पूछा,"ये सड़क
तुम्हारे बाप की है ?"
जवाब में इतना ही बोल
पाया,"जी नहीं!!!
सड़क तो आपके बाप की है,
मुझे तो बस दहेज़ में मिली है!
है.साइकिल से स्कूल
जा रहा था.रस्ते में
वो भी मिल गयी.
स्कूल पहुचने से कुछ पहले
ही किसी वजह से मुझे
रुकना पड़ा.वो बिलकुल मेरे
पीछे ही आ रही थी.
मैंने अचानक ब्रेक
लगा दिया और
उसकी साइकिल
मेरी साइकिल से
टकरा गयी.
उसके मुह में
जो भी आया बोलती चली गयी और
आखिर में पूछा,"ये सड़क
तुम्हारे बाप की है ?"
जवाब में इतना ही बोल
पाया,"जी नहीं!!!
सड़क तो आपके बाप की है,
मुझे तो बस दहेज़ में मिली है!
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